Sunday, September 2, 2012

उधार की ये ज़िन्दगी...

उधार की ये ज़िन्दगी...
हाथ से फिसल गयी................
तुझे तो साला सब मिला , मुझे तो खाली कप मिला
तेरी ज़िन्दगी ,मेरी तो zanduram हो गयी
देख ले ज़रा ,सामने खड़ा
अब तो करदे मुझको अपने प्यार से रिहा
तुझे तो facebook पे साला इतना like up मिला
तेरी खुल गयी ,मेरी तो घंटा जाम हो गयी
उधार की ये ज़िन्दगी...
हाथ से फिसल गयी................
मुझको तेरे प्यार पे अब नहीं यकीं
जेब मैं नहीं है मेरे एक भी rupee
तेरी साली रात भी सुहागरात हो गयी
तेरी lottery लगी, मेरी तो खाली लग गयी
उधार की ये ज़िन्दगी...
हाथ से फिसल गयी................
तेरी महफिलों मैं अब भी प्यार का धुआं
मेरी ज़िन्दगी बची है बस धुआं धुआं
चार दिन ही रोके साली फिर से तूतो पट गयी
अपनी तो सिली नहीं, जो एक बार फट गयी
उधार की ये ज़िन्दगी...
हाथ से फिसल गयी................

दीपक अन्जान...

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