Saturday, May 11, 2013

तेरी पहली मुस्कराहट की दिल में कसक आज भी है वो लम्हा याद है मुझे , वो झलक आज भी है

तेरी पहली मुस्कराहट की दिल में कसक आज भी है
वो लम्हा याद है मुझे , वो झलक आज भी है

तेरे चलने से पड़े थे मेरे दिल के रास्तों पे निशां उम्मीदों के
बीच रस्ते में तेरी पायल के टूट जाने की झनक आज भी है

टूट जाने से मेरे सपने ,गिनती में बढ़ गए
वो आइना याद है मुझे , वो खनक आज भी है

तेरे लिए मेरे सारे गीत गाते हैं , कभी तुझ तक भी ये आवाज पहुंचे
कि  मेरी तनहाइयों में तेरी यादों की भनक आज भी है

दीपक

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