हमें ख़ामोशी में खुद को सुनने का मजा आता है
लोग जिसे मरना कहते हैं उसमे हमें जीने का मजा आता है
क्यूँ हमसे काफ़िर का सा सलूक किया जाता है
बस इसलिए कि हमें खुदा को साकी बनाने में मजा आता है
कद्रदानों से घिरे लोगों से शिकायत नहीं हमको
फिर क्यूँ तकलीफ है जब हमें अपनी शायरी में मजा आता है
सीने में धडकते होंगे दिल तुम्हारे तो क्या खास है
हमें तो दिल हाथ में लेकर चलने में मजा आता है
लोग जिसे मरना कहते हैं उसमे हमें जीने का मजा आता है
क्यूँ हमसे काफ़िर का सा सलूक किया जाता है
बस इसलिए कि हमें खुदा को साकी बनाने में मजा आता है
कद्रदानों से घिरे लोगों से शिकायत नहीं हमको
फिर क्यूँ तकलीफ है जब हमें अपनी शायरी में मजा आता है
सीने में धडकते होंगे दिल तुम्हारे तो क्या खास है
हमें तो दिल हाथ में लेकर चलने में मजा आता है
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