Saturday, May 25, 2013

तिरंगा

मुझसे एक बार मेरे मित्र ने हमारे राष्ट्र ध्वज का दर्शन पूछा , सही उत्तर मुझे नहीं मालूम था फिर भी मेरे कवि ह्रदय ने उस वक़्त जो पंक्तियाँ मेरे मित्र को बताईं आपके सम्मुख रखता हूँ . आपमें से जो भी इसके मर्म को समझें कृपया इसे दूसरों को भी सुनाये .


ऊपर है भगवा सा जो रंग , हर हिन्दू को प्यारा है
नीचे हरा भरा जो रंग है ,हर मुस्लिम का दुलारा है
इन दोनों के बीच शांति का रंग श्वेत फहराता है
तीन रंग का प्रेम-बंध ये एक तिरंगा न्यारा है
मिलकर रहें सदा सब बंधु .नील चक्र बतलाता है
करें खोज प्रकाश की प्रतिपल ऐसा देश हमारा है

दीपक 

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