दल बदला ,दंगल बदला ,बदला जन गन मन का देश
मन सूखे ,सुखी नदियाँ हे उच्छल जलधि नरेश
टूट टूट क्यूँ बिखर गया अधिनायक अखंड प्रदेश
हे भारत भाग्य विधाता पूछे मेरा अंतर क्लेश
कब दोगे शुभ आशीष मिटेगा कब ये अंतस द्वेष ?
रावन जय गाथा गाता है पहन के तेरा भेष
मति भ्रम दूर करो मनहारी भेजो दिव्य सन्देश
दीपक
मन सूखे ,सुखी नदियाँ हे उच्छल जलधि नरेश
टूट टूट क्यूँ बिखर गया अधिनायक अखंड प्रदेश
हे भारत भाग्य विधाता पूछे मेरा अंतर क्लेश
कब दोगे शुभ आशीष मिटेगा कब ये अंतस द्वेष ?
रावन जय गाथा गाता है पहन के तेरा भेष
मति भ्रम दूर करो मनहारी भेजो दिव्य सन्देश
दीपक
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