फूल अगर गुलाब का हो तो भँवरे हजार होते हैं
एक ऐसा भी दौर होता है जब बंद आँखों से भी दीदार होते हैं
जब नब्ज को टटोलना नहीं पड़ता और धड़कने भी पास पास होती हैं
एक ऐसा भी दौर होता है , जब हम शायर नहीं होते पर हर शायरी खास होती है
जब नींद को यादों से बुझाया , और यादों को यादों से लड़ाया जाता है
एक ऐसा भी दौर होता है जब आंसू से आँखों को बहाया जाता है
किताबों में पन्नों से ज्यादा गुलाब की पंखुडियां हुआ करती हैं
और जेब में रुपयों से ज्यादा चवन्नियां हुआ करती हैं
जब घंटों खुद से बतलाने के बाद भी कुछ बातें बाकी रह जाती है
एक ऐसा दौर भी होता है जब रस्ता ख़त्म भले हो जाये, मंजिल बाकी रह जाती है
दीपक
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