मैं नशे मैं हूँ अभी ,या मैं नशे मैं था कभी , जब मांगने वालों को मैंने बाँट दी अपनी जमीं
मैं अभी लाचार हूँ ,या मैं कभी लाचार था
मैं अभी बदनाम हूँ या मैं कभी बदनाम था
उस रोज भी एक बात थी उस रोज भी एक काम था ,काट रहे थे दो टुकड़ों मैं मुझको एक देश तो दूसरा अवाम था
मैं अभी जिन्दा हूँ या मैं कभी जिन्दा न था
मैं अभी सिसका हूँ या मैं कभी रोया न था
उस रोज भी कुछ लोग थे ,उस रोज भी कुछ खास था ,मेरे दोनों बच्चे बिछड़े एक हिन्दू ,एक मुसलमान था
मैं अभी लाचार हूँ ,या मैं कभी लाचार था
मैं अभी बदनाम हूँ या मैं कभी बदनाम था
उस रोज भी एक बात थी उस रोज भी एक काम था ,काट रहे थे दो टुकड़ों मैं मुझको एक देश तो दूसरा अवाम था
मैं अभी जिन्दा हूँ या मैं कभी जिन्दा न था
मैं अभी सिसका हूँ या मैं कभी रोया न था
उस रोज भी कुछ लोग थे ,उस रोज भी कुछ खास था ,मेरे दोनों बच्चे बिछड़े एक हिन्दू ,एक मुसलमान था
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