Sunday, April 28, 2013

आखिर क्यूँ घबराते हैं हमारे नेता जांच से ?

आखिर क्यूँ घबराते हैं हमारे नेता जांच से ?मायावती की जाँच हुई तो अचानक वे दलित हो गई ! आजम खान की जाँच हुई तो वो अचानक मुस्लमान हो गए ! कैसे नेता हैं हमारे जिनकी इज्जत रोज कोई ना कोई उतारता रहता है .

यह आजम खान की फौज आज अपने नेता  सम्मान के लिए सड़कों पर आ गयी और बयान दिए की यह अपमान आजम खान का नहीं पुरे देश का है . क्यूँ है भाई पुरे देश का अपमान ? हमें तो नहीं लगता . क्यूँ जनता को इस कहानी में पात्र बनाया जा रहा है ? क्यूँ बेवजह उनकी संवेदनाओं की धुरी आजम खान की तरफ मोड़ी जा रही है . जनता अपनी बहुत सी परेशानियों से ग्रस्त है अब वोह अपने मामले सुलझाए फिर उनके भी सुलझाए जो जनता के लिए जवाबदार हैं . मजाक हो रहा है !!

मायावती क्या है पूरा देश जानता है . उत्तर प्रदेश की राजनीती कितनी बदनाम है ये भी सब जानते हैं . पर कोई उम्दा विकल्प न होने के कारन हर बार हमें सांप नेवले मैं से एक का चुनाव करने के लिए विवश होना पड़ता है .

ट्राफिक पुलिस जब किसी को रोककर उसका लाइसेंस पूछती है तो उनका इरादा अपमान  करने का नहीं होता . चुनाव आयोग की जांच उनके काम का हिस्सा है . फिर मावती जिन पर इतने सारे  अभियोग लगे हैं उनकी जाँच करने के लिए मैं तो तहे दिल से चुनाव आयोग को बधाई देना चाहूँगा . सब की जाँच करो .

परीक्षा की आग में  ही जलकर पत्थर सोना बनता है और सोना कुंदन . देश की जनता को भी तो पता लगे की उनके नेता कितने पानी में हैं . इन सब नेताओं के सर पर चोबीस घंटे cctv लगा देना चाहिए। जनता को इनके एक एक पल का हिसाब मिलना चाहिए . परीक्षा से वो घबराते हैं जिन्हें फेल होने का डर हो . अच्छा तो तब लगता जब मायावती खुद चुनावायोग को फोन करतीं और कहतीं की मैं समाज सेवा के कार्य से जा रही हूँ लेकिन मैं भी एक इंसान हूँ डरती हूँ की कहीं मुझसे भूलवश भी कोई भूल न हो जाये अतः मेरी जाँच कर ली जाये क्यूंकि अगर मुझसे गलती हुई तो सारे दलित समाज का , काशीराम और बाबा साहेब की आत्मा का सर शर्म से झुक जायेगा .

जनता टैक्स भर भर के परेशान इतना पैसा कहाँ चला जाता है पता नहीं . कभी मायावती के गले में नोटों की माला कभी आजम की सड़कों पर उतरी फ़ौज के तमाशे में .

जागो इंडिया जागो !!

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