Monday, April 29, 2013

अंधे धृतराष्ट्र ने संजय से पूछा कि ''हे संजय कुरु-क्षेत्र जहाँ धर्म युद्ध चल रहा है , वहाँ का हाल मुझे बताओ

अंधे धृतराष्ट्र ने संजय से पूछा कि ''हे संजय ! कुरु-क्षेत्र जहाँ धर्म युद्ध चल रहा है , वहाँ का हाल मुझ अंधे को  बताओ.

संजय बोला कि " हे महाराज !दोनों विशाल सेनाओं के बीच खड़े भगवन कृष्ण अपने प्रिय सखा अर्जुन का मनोबल बढ़ा रहे हैं "

क्या !! वह पाखंडी कृष्ण जो आज तक शांति की बात करता था युद्ध का उपदेश दे रहा है !

आज के  टीवी चैनलों से तुलना कीजिये तो पाएंगे कि धृतराष्ट्र की तरह अंधे हमारे युवा TV रूपी संजय से पूरे देश का हाल इसी तरह सुनते हैं फिर अपनी बीवी से कहते हैं की देश का पता नहीं क्या होगा ?फिर दोनों सो जाते हैं और सुबह फेस बुक पे कमेंट करते हैं poor and helpless India  ! जरा दोबारा सोचें who is poor ? ?

महाभारत का धृतराष्ट्र उन युवाओं का प्रतीक  है जिन्हें खुद पर शर्म आना बंद हो गयी है . उन का प्रतीक है  जिनके पास संजय जैसी विवेकशील आँखों के होते हुए भी मन पर स्वार्थ का पर्दा पड़ा है। उनकी जिन्हें दूसरों (पांडवों ) की मौत का तमाशा देखने में तो मजा आता है पर अपनों (कौरवों ) के ऊपर किया छोटा सा वार भी जिनकी संवेदना को तिलमिला कर रख छोड़ने के लिए काफी है .

अर्जुन उन युवाओं का प्रतीक है जिसके पास कृष्ण जैसे सारे साधन हैं , पैसा है , पद है ,ज्ञान है फिर भी जो उचित -अनुचित, मेरा -पराया जैसे टुच्चे समीकरणों में उलझे हुए  तड़प रहे  हैं  . अर्जुन ,जिसे पता है की अगर लड़े  तो जीत पक्की है परन्तु फिर भी मन में अनजाना डर है . गुरु को कैसे मारूं ? भाइयों को कैसे मारूं ? कृष्ण को उसे समझाते हुए एक बार तो खीज हुई होगी की इससे कह दूँ  go hell with all this !!

मैं तेरे सामने खड़ा हूँ ,कह रहा हूँ की युद्ध  कर और तू है की सवाल पर सवाल . आखिरी में तू स्वयं  रह जायेगा सिर्फ एक सवाल !! कभी जवाबदारी भी उठाएगा या सिर्फ सवाल ही करता रहेगा ?

दोस्तों अगर अर्जुन ने पहले ही निर्णय ले लिया होता तो कौरव रूपी बुराई एक घंटे पहले ही ख़त्म हो गयी होती  और भगवन का भी एक घंटा बच जाता .

अब अगर आप भी भगवन के आने का इन्तेजार कर रहे हैं तो मत कीजिये क्यूंकि मित्रों कोई नहीं आएगा . जो कभी गया ही नहीं वो कैसे आएगा ? अपने मन मंदिर के भीतर के कृष्ण,अल्लाह या जीजस की आवाज सुनने मैं देर मत कीजिये .

आज ही जाग जाइये क्यूंकि पता नहीं कल हो न हो !!



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