Sunday, May 12, 2013

तेरी मेंहदी की रंगत देख के हैरान मत होना मेरे भी खून का इसमें है कुछ तो रंग आना है

मोहब्बत की कहानी में ,मैं सागर तू किनारा है
तेरे लब चूम तो लूंगा ,मगर फिर लौट जाना है 

मेरी बेहोश पलकों में कई हैं ख्वाब  संजीदा 
मैं फिर क्यूँ होश में आऊं ,इन्हें जब टूट जाना है

मुझे खामोश रहने दो , मेरे लब रूठ जायेंगे

मेरी ख़ामोशी में संग हैं ,यही इनका फ़साना है
मेरे मुंह खोलने का मतलब ही इनका दूर जाना है

तेरी मेंहदी की रंगत देख के हैरान मत होना
मेरे भी खून का इसमें है कुछ तो रंग आना है

कबसे कैद हैं आँसू  ,मेरी पलकों के साये में

मेरे सपनों को सींचा है ,कि हर आंसू दीवाना है
मगर एक बूंद ही तो है ,इसे फिर बह ही जाना है






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