Wednesday, May 8, 2013

सच बताओ डार्लिंग क्यूँ है ऐसा इंडिया ?

भरी गर्मी में बहती नाक को हाथों से रगड़ते और पेंट पर पोंछते बच्चे , सड़क के किनारे लाचार लाश जैसी खड़ी उनकी मां और उसी सड़क पे AC गाड़ियों में दौड़ते बंद दिमाग हृदय विहीन समाजसेवक नेतागण ......डार्लिंग यही है इंडिया .

जिस देश में निर्मल बाबा जैसा टुच्चा अभिनेता पढ़ी - लिखी जनता का उल्लू बना सकता है , जहाँ दो कौड़ी के इमोशन्स फिल्म को  हिट कराने  और चुनाव में  जीत दिलाने के लिए काफी होते हैं .......डार्लिंग यही वो इंडिया है

जहाँ का युवा आज तक भारत भूमि के न जाने कब के गुजर चुके स्वर्ण युग का जिक्र हर तर्क में तो  करता है पर कोई भी कर्मभूमि में आकर असली लड़ाई नहीं लड़ना चाहता ....दिस इस इंडिया

जहाँ विवेकानंद और गाँधी किताबों/वाचनालयों में कैद हों और खुलेआम मायावती के पुतले चौराहों पर
लगाये जाते हों ...

जहाँ लाखों लोग आज भी भूख ,बीमारी अशिक्षा ,दरिद्रता और दिशाहीनता के कारण मौत का शिकार होते हों पर सरकारी खातों में आल इस वेल हो ....

जहाँ गरीबी रेखा कार्ड सिर्फ गरीब के पास न हो ......

जहाँ लाश पर हास्य हो ...

जहाँ मीडिया से सरकार को दुर्घटनाओं का पता चले ....

जहाँ सरकार को जगाने के लिए रोज युवाओं को कामकाज छोड़कर आंदोलनों में  जाना पड़े ...

जहाँ हर चीज को सही सिद्ध करने के लिए तर्क और साक्ष मौजूद हों ....

सच बताओ डार्लिंग क्यूँ है ऐसा इंडिया ?




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